चैत्र नवरात्री - रामनवमी
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चैत्र नवरात्रि कब मनाई जाती है ?
चैत्र नवरात्रि चैत्र मास के शुक्ल पक्ष में प्रतिपदा से नवमी तिथि को जो अप्रैल - मई में होती है नौ दिन तक मनाईं जाती है।
चैत्र नवरात्रि क्यों मनाई जाती है ?
चैत्र नवरात्र की नौवीं को राम नवमी कहा जाता है।
चैत्र नवरात्र से ही हिन्दू नवसंवत्सर का प्रारम्भ होता है।
चैत्र नवरात्रि की नवमी तिथि को भगवान श्री विष्णु ने सातवें अवतार के रूप में भगवान राम ने त्रेतायुग में जन्म लिया था। भगवान राम का जन्म रावण के अत्याचारों को समाप्त करने एवं पृथ्वी से दुष्टों को खत्म कर नए धर्म की स्थापना के लिए हुआ था। इसीलिये भगवान राम के जन्मोत्सव के रूप में रामनवमी का पर्व मनाया जाता है।
राम नवमी के दिन ही चैत्र की नवरात्रि का समापन होता है।
चैत्र नवरात्रि की पूजा कैसे की जाती है ?
नवरात्रि के प्रथम दिन प्रातः काल जल्दी उठकर स्नान करें। इसके बाद पूजा के स्थान को और लकड़ी की चौकी को गंगाजल डालकर शुद्ध कर लें, मां दुर्गा की प्रतिमा को भी गंगाजल से अभिषेक कर के माता रानी की प्रतिमा स्थापित करें।
कलश की स्थापना करके धूप दीप जलाकर पूजा आरम्भ करें, मां को अक्षत, सिंदूर, लाल पुष्प अर्पित करें, साथ ही फल और मिठाई का भोग माता को अर्पित करें। अंत में माता की आरती करें।
नौ दिन प्रतिदिन नौ देवियों की प्रातःसायं हवन-यज्ञ और मां दुर्गा की पूजा-अर्चना,आरती बड़े मनोभाव से की जाती हैं।
मां दुर्गा अरदास प्रार्थना
मैया तू ही करेगी प्रतिपाल,