क्रिसमस
क्रिसमस कब मनाते हैं ?
ईसाई धर्म के अनुसार क्रिसमस( बड़ा दिन) ईसा मसीह या प्रभु यीशु के जन्म की खुशी में सम्पूर्ण विश्व में 25 दिसंबर को मनाया जाता है।
कुछ संस्कृतियों में एक दिन पहले 24 दिसम्बर से ही क्रिसमस का पर्व धूमधाम से मनाना शुरू कर देते हैं।
क्रिसमस क्यों मनाते हैं ?
ईसाई समाज के सबसे बड़े धर्म ग्रंथ बाइबिल में जीजस के जन्म की कोई तारीख अंकित नहीं है लेकिन 25 दिसंबर को हर साल जीजस क्रिस्ट के जन्म की खुशी में क्रिसमस मनाया जाता है।
ईसा मसीह का जन्म लोगों को पापों से मुक्त कराने के लिए और उन्हें सही मार्ग दिखाने के लिए ईश्वर द्वारा धरती पर भेजा गया था। ईसा मसीह का जन्म बैथलहम में चार ईसा पूर्व मैरी और जोसेफ के यहां एक अस्तबल में हुआ था।
ईसाई धर्म के अनुयाई क्रिसमस को बुराई पर अच्छाई की जीत के रूप में धूमधाम से मनाते हैं। क्रिसमस से ही बारह दिन के उत्सव क्रिसमसटाइड की भी शुरुआत हो जाती है।
ईसा मसीह के महान शब्द एक दूसरे से प्रेम करो, जैसे मैंने तुमसे प्रेम किया है, तुम भी एक दूसरे से प्रेम करो, क्रिसमस का त्योहार हमें प्रेम और भाईचारे का सन्देश देता है।
क्रिसमस का त्योहार कैसे मनाते हैं :
ईसाई धर्म के सभी लोग चर्च में एकजुट होकर ईसाई धर्म के संस्थापक ईसा मसीह के जन्म दिवस को प्रार्थना गाकर मनाते हैं और उन्हें याद करते हैं। चौबीस से पच्चीस दिसंबर की रात को मोमबत्ती से चर्च को सजाया जाता है।
घरों में क्रिसमस ट्री को बहुत ही सुंदर तरीके की रंग बिरंगी लाईटों से सजाया जाता है हजारों वर्ष पहले उत्तरी यूरोप में क्रिसमस ट्री की शुरुआत हुई। उस वक्त फिर नाम के पेड़ को सजाकर यह त्योहार मनाया जाता था। कई लोग चेरी के पेड़ की टहनियों को भी क्रिसमस के दौरान सजाते थे। लेकिन जो लोग क्रिसमस ट्री खरीदने में असमर्थ होते थे, वो लकड़ी को पिरामिड की शक्ल देकर क्रिसमस मनाते थे। हर व्यक्ति क्रिसमस ट्री लाता है और उसे चॉकलेट्स, खिलौनों, लाइट्स और तोहफों से सजाता है।
क्रिसमस पर परिवार और रिश्तेदारों को उपहार,नये वर्ष का कैलेंडर देना, क्रिसमस गीत संगीत गाना, सेलिब्रेट और क्रिसमस कार्ड का आदान प्रदान कर के उनके अच्छे जीवन की कामना की जाती है। और तरह तरह के पकवान व मिठाइयां बनाई और खिलाई जाती हैं
क्रिसमस के दिन केक बनाना भी बहुत शुभ माना जाता है। 25 दिसंबर के दिन केक को काटा जाता है। और सब को खिलाया जाता है। यीशु मसीह का जन्म लोग बहुत ही मान और सम्मान के साथ मनाते हैं।
क्रिसमस के लिए सभी लोग नए कपड़े, क्रिसमस ट्री, केक,आदि की तैयारी बहुत पहले से करने लगते हैं।और क्रिसमस का दिन बहुत ही धूमधाम से मनाते हैं।
सीक्रेट गिफ्ट देने की प्रथा :
क्रिसमस पर गिफ्ट देने की प्रथा चौथी शताब्दी में मायरा ( अब तुर्की) में सेंट निकोलस नाम का बहुत अमीर शख्स रहता था,जिसके माता-पिता नहीं थे। इसलिए वो छुप कर गरीबों की मदद करता और उन्हें सीक्रेट गिफ्ट देकर खुश करने की कोशिश करता था।
एक गरीब की तीन बेटियां थीं, जिनकी शादी के लिए उसके पास धन नहीं था। निकोलस ने छुपकर उसकी मदद करने का फैसला किया, निकोलस एक रात उस आदमी के घर की छत में लगी चिमनी के पास पहुंचा और उसमें सोने से भरा बैग डाल दिया। शख्स ने मोजे सुखाने के लिए चिमनी में लगा रखे थे। अचानक सोने का बैग दो बार मोजे के पास गिरा। तीसरी बार शख्स ने निकोलस को देख लिया। निकोलस ने उसे यह बात किसी से न बताने को कहा। इसके बाद जब भी किसी को कोई सीक्रेट गिफ्ट मिलता, तो लगता कि यह निकोलस ने दिया है। तभी से क्रिसमस पर बच्चों को तोहफे देने की प्रथा शुरू हो गई। उन्हें फादर क्रिसमस व ओल्ड मैन क्रिसमस नाम दिया गया। इसके बाद पूरी दुनिया में क्रिसमस के दिन सीक्रेट संटा बनने का रिवाज बन गया।
क्रिश्चन देशों में क्रिसमस से पहले ही स्कूलों, कॉलेज और दफ्तरों की छुट्टियां हो जाती हैं। बाजार, सड़कें और मॉल क्रिसमस ट्री से भर जाते हैं। 24 दिसंबर को लोग ईस्टर ईव मानते हैं और 25 दिसंबर को पार्टी करते हैं, जो 12 दिनों तक चलती है। यूरोप में बारह दिनों तक मनाए जाने वाले इस फेस्टिवल को ट्वेल्थ नाइट के नाम से जाना जाता है।