pink and brown round food on brown wooden tray
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होली (धुलेंडी)

होली कब मनाई जाती है-

हिंदू पंचांग के अनुसार फाल्गुन महीने के पूर्णिमा की शाम को होलिका दहन किया जाता है और अगले दिन चैत्र के कृष्ण पक्ष की प्रतिपदा तिथि पर रंगों की होली खेली जाती है।

होली क्यों मनाते हैं-

होलिका दहन को बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक माना जाता है।

हिरण्यकश्यप की बहन होलिका को आशीर्वाद मिला था कि उसे कोई भी अग्नि जला नहीं सकती है हिरण्यकश्यप ने अपने पुत्र प्रहलाद को बहन होलिका की गोद में बैठाकर लकड़ी की शैय्या पर बैठने का आदेश दिया और उसमे आग लगा दी परंतु विष्णु भक्त पहलाद की निष्काम भक्ति के कारण उसकी बुआ होलिका तो अग्नि में जलकर भस्म हो गई परन्तु भक्त पहलाद को कोई क्षति नहीं पहुंची तभी से यह त्यौहार होलिका दहन के रूप में मनाया जाता है

होलिका दहन कैसे करते हैं-

रंगों की होली कैसे मनाते हैं-

फूलों के रंग की होली का संबंध भगवान श्री कृष्णब्रज में आज भी लड्डू होली, फूलों की होली, लठमार होली खेली जाती है।